जयन भर्ती घोटाले की जांच के कारण विवादों में चारों ओर से घिरे कर्मचारी चयन आयोग बोर्ड अध्यक्ष बी.एल.जाटावात द्वारा इस्तीफा सरकार को सौंपा जिसे सरकार द्वारा तुरंत ही स्वीकार कर लिया गया
जे.ई.एन. पेपर लीक होने के कारण राज्य में कई भर्तियां निरस्त हो गई और इसी के चलते पेपर लीक मामले में चारों तरफ से गिरे हुए बीएल जटावत द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया गया है.
पिछले कुछ महीनों में एक कर्मचारी चयन बोर्ड की गई भर्ती परीक्षाएं रद्द हो चुकी है जेईएन भर्ती और लाइब्रेरियन भर्ती का पेपर लीक होने के कारण इनकी परीक्षाएं भी निरस्त करनी पड़ी।
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इस विवाद के कारण पेपर लीक प्रकरण में चयन बोर्ड कार्यप्रणाली पर निरंतर सवाल उठ रहे हैं इसके कारण अध्यक्ष जाटावत विपक्षी दलों और अभ्यर्थियों के निशाने पर आ गए और बीएल जाटावत के इस्तीफे की मांग लगातार की जा रही है, राज्य में बार-बार परीक्षाएं स्थगित किए जाने से सरकार विपक्ष के निशाने पर है.
सूत्रों के मुताबिक बार बार परीक्षा परिणाम निवेश होने के कारण अभ्यर्थियों में आक्रोश है और सरकार की छवि खराब हो रही है इसी वजह से उच्च स्तर के दबाव के कारण तत्काल इस्तीफा स्वीकार हुआ. इस्तीफा देने के बाद भी प्रकार की बातें सामने आ रही है की सब कुछ पहले से ही तय था माना जा रहा है. इस्तीफा दिया नहीं गया लिया गया है. बीएल जाटावत को फरवरी 2018 में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल के अंतिम साल में चयन बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
फिर भी वे अब बीजेपी नेताओं के निशाने पर है बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा पेपर लीक मामले के प्रसाद निरंतर दबाव और निशाने पर रहने के कारण उनको अपना बोर्ड अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा।